खुरई में हजारों किसान डीएपी खाद के लिए भटक रहे है। समय पर खाद न मिलने से फसलों को होगा भारी नुक्सान। किसानों में नाराजगी।
आने वाली रवि की फसल की बोनी के लिये किसानों ने लागत व मेहनत लगाकर खेत तैयार कर लिये हैं। लेकिन डीएपी खाद नहीं मिलने से किसान परेशान है कि समय पर बोनी कैसे होगी। दरअसल बोनी के समय किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। डीएपी को बोनी के साथ उपयोग किया जाता है। लेकिन जिले में डीएपी खाद का रेक अभी तक कृषि विभाग द्वारा नहीं लगाया गया है। जिससे किसानों को खाद नहीं मिल रही है। सभी किसान डीएपी की तलाश में भटक रहे हैं। न तो शासन की ओर से उपलब्ध हो रही है न ही निजी दुकानों पर डीएपी खाद उपलब्ध है। कुछ किसानों ने बताया कि दूसरे जिलों और यूपी तक से खाद लाकर उपयोग कर रहे हैं
लेकिन पिछले कुछ दिनों से बाहर से खाद लाने पर प्रतिबंध लग गया है। खाद लेने के चक्कर में डबल लाक व एग्रों में किसानों की जमकर भीड़ है। ऐग्रो पर खाद लेने आये सिंगपुर निवासी सुरेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि उनके खेत बोनी के लिये तैयार हैं लेकिन अभी डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। यूरिया की जरुरत अभी नहीं है वह पहले मिल रहा है। डीएपी समय पर नहीं मिला तो खेत व फसल खराब हो जायेगी। किसानों ने एक ही समस्या बताई कि खेत तैयार हैं समय पर बोनी नहीं हुई तो फसल खराब आयेगी। अभी फसल को केवल डीएपी की आवश्यकता है।
किसानों ने बताया कि अधिकारी अफिसों में बैठकर योजनायें बनाते रहते है। जिन किसानों की जिंदगी किसानी में निकल गई उन्हें फालतू के उपाय बता रहे हैं। बता रहे हैं कि यूरिया में अन्य तत्व मिलाकर डीएपी का विकल्प तैयार किया जा सकता है। साथ ही सुपर फास्फेट का उपयोग कर बाद में यूरिया का उपयोग करने से डीएपी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लेकिन यदि फसल खराब आ गई तो नुक्सान किसानों का होगा अधिकारियों का नहीं। डीएमपी के संबंध में एग्रो में खाद वितरण कर रहे पर्वत सिंह ने बताया कि अभी केवल यूरिया उपलब्ध है। डीएपी के संबंध में अधिकारियों द्वारा 25 तारीख के बाद रेक लगने का आश्वासन दिया है।